Sunday, October 20, 2013

-अतीत का जिरॉक्स

सपनों की पीछे भागना और दूसरों के सपने जीने लगना मन की उतार-चढाव के बीच अपने वजूद को टटोलना खुद को एकत्रित करना और फिर चलने की तैयारी करना किसी बडे मैराथन से कम नही है। प्रासंगिकता बचाए रखने के लिए जिस जुनून की जरुरत होती है वह हौसलों से उधार मांगना पडता है।
मेरे एक मित्र कहा करते थे कि कभी चूहों की खाल से नगाडे नही बना करते है डॉ.साहब...तब मै उनको खारिज़ करता हुआ आगे बढता था अब यह तय करना मुश्किल होता है कि मेरी गति मुझे आगे ले जा रही है या एक आवृत्ति के साथ वृत्त की कक्षा मे स्थापित करके मेरा आघूर्ण जांच रही है। संशय,अभिप्रेरणा,सकार-नकार से परे ब्रह्माडीय पिंड की भांति मै अपनी धूरी का चक्कर लगाता हांफता और बडबडाता यहाँ तक आ पहूंचा हूँ मेरी दूरी को नापने के लिए प्रकाश वर्ष की नही मन की कमजोरियों को नापने वाला पैमाना विकसित करना होगा जहाँ मुझ से मुझ तक की दूरी भी इतने अक्षाशों में बटी है कि एक शायद जीवन का ग्राफ भी उसके रेखांकन के लिए कम पड जाएगा।

-----अतीत का जिरॉक्स बारस्ता एचीवेमेंट मोटिवेशन

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