Monday, October 28, 2013

एकांतवास

कल पत्रकार मित्र का एसएमएस मिला "जिन्दगी का मैने बस ये हिसाब देखा कि चलती नही कभी मेरे हिसाब से..." मुझे लगा कि पवन भाई ने क्या मौजूँ शे'र भेजा है...अभी 3 जुलाई को मै यहाँ घोषणा करके गया था कि मित्र धीरेश सैनी से उधार मांग कर लाई किताबों का स्वाध्याय करुंगा और खुद भी यह सोचा था कि 10 दिन एकांतवास मे रहूंगा ना फोन ना इंटरनेट केवल अल्पाहार और अध्ययन करुंगा और लगभग दो दिन वो क्रम चला बेहद व्यवस्थित ढंग से....लेकिन अपने संकल्प इतनी आसानी से थोडे ही पूर्ण हो पाते है कोई न कोई बाधा तो आनी अवश्यंभावी थी इस बार भी आई और ऐसी आई कि पिछले 6 दिनो से प्राणहंता पीडा से गुजर रहा हूँ आज थोडा आराम मिला है पहले पेट मे इंफेक्शन हुआ फिर वो इंफेक्शन एनल इंफेक्सन मे बदल गया उसके बाद क्या क्या नही हुआ आप खुद समझ सकते है कि क्या स्थिति रही होगी..न शौच से पूर्व आराम और न निवृत्ति के बाद हालात इतनी तेजी से बिगडी कि देखते ही देखते ऐसी स्थिति मे आ गया कि केवल लेट सकता था न बैठ सकता था और न चल सकता था (दोनो ही स्थिति मे असहनीय पीडा) साथ मे पिछले तीन दिन से बुखार.....इस व्याधि के जांचने के डाक्टरी परीक्षण बडे अमानवीय किस्म के सो उसके बारे मे सोचकर भयाक्रांत होता रहा बडे भाई एम.एस.(सर्जन) है उनसे सारी स्थिति बताई उनके हिसाब से गंभीर दिक्कत होने की सम्भावना थी यहाँ तक कि शायद आपरेशन करवाना पडे....चिट्ठी की भाषा मे कहूँ कि थोडे लिखे को ज्यादा समझना वाली बात रही है मतबल बहुत दिक्कत मे रहा।
भला हो महात्मा हैनीमेन का जो उन्होने होम्योपैथी जैसी चिकित्साविधि विकसित की अपने एक मित्र होम्योपैथ की शरण मे गया था परसो उनको सारी हालत बताई उन्होने मीठी गोली थी कल रात तक उनकी औषधी से कोई आराम नही था लेकिन आज सुबह दस बजे ऐसा लगा कि दवा काम कर रही है और मुझे राहत महसूस हुई हालांकि पूरी तरह से आराम नही है लेकिन ऐसा लग रहा है कि रिकवर हो रहा हूँ।
अभी एक सप्ताह का बैड रेस्ट बताया है डॉ ने और साथ मे उबला हुआ भोजना खाना है जीवन एक मुश्किल दौर से गुजरते हुए प्रार्थना के पलो को जीता हुआ आरोग्य की तरफ आशा भरी निगाह से देख रहा हूँ ताकि मै जल्दी स्वस्थ होकर अपनी बेवजह की मगज़मारी के जरिये आप सभी से जुडा रहूँ।
(जिन मित्रों के पास मोबाईल नम्बर है वो हाल जानने के लिए चिंतातुर होकर फोन करने से बचे क्योंकि मै फिलहाल इस व्याधि से लडता हुआ ऐसी स्थिति मे नही हूँ कि फोन पर आपसे बात कर सकूँ या मिल सकूँ उम्मीद करता हूम कि मेरे इस आग्रह को एक बीमार मित्र की प्रार्थना समझा जाएगा न कि हमेशा की तरह अहंकार)

No comments:

Post a Comment