Monday, October 28, 2013

केबीसी

केबीसी का हर नया सीजन मेरे जैसे प्रतीतवादियों पर बडा भारी गुजरता है पत्नि से लेकर बच्चों तक सब का मानसिक दबाव रहता है मुझे भी हॉट सीट पर जाकर अपने ज्ञान की परीक्षा देनी चाहिए खास तौर को पत्नि को यह लगता है मै दिन भर लेपटॉप पर चबड-चबड करता रहता हूँ और फोन पर लोगो को ज्ञान बांटने के मामलें मे भी कम नही हूँ फिर ऐसे में यदि वास्तव मे मै 'ज्ञानी' किस्म का हूँ तो फिर उस ज्ञान को करोडों मे बदल कर मुझे अपने ज्ञानी होने प्रमाण सार्वजनिक रुप से देना चाहिए पहले कभी कभार मै भी बच्चो के साथ केबीसी देख लिया करता था और संयोग कुछ सवालों के जवाब भी पहले दे देता था तभी से पत्नि समेत बच्चों को यह भ्रम हो गया है कि मै कम से कम कुछेक लाख तो जीत कर आ ही सकता हूँ इसलिए हर बार केबीसी का सीजन शुरु होने से पहले मुझ पर दबाव होता है कि मै उसके भाग लेने के लिए एसएमएस भेजना शुरु कर दूँ और मै बडी मुश्किल से अपनी जान बचाए हूँ क्योंकि दिन ब दिन के संघर्षो से रुबरु होते परिवार को भी एक आस बंधने लगती है कि शायद ज्ञान मुझे मेरा हक दिला दें और वो हक लखपति से शुरु होकर करोडपति बनने पर पूरामिलता नजर आता है।
सोनी टीवी के क्रिएटिव हेड हो अन्दाजा नही है कि केबीसी के चक्कर मे मेरे जैसे कितने छ्द्म ज्ञानी लोगो को धर्मसकंट का सामना करना पडता है उनके गले में करोडपति बनने का ऐसा फंदा पडा रहता है जिसे पत्नि बच्चों की आशाओं और अपेक्षाओं से कसते ही चले जाते है अब मेरी कोशिस रहती है कि केबीसी के प्रसारण के समय मे घर पर ही न रहूँ वरना मुझे लेपटॉप पर फेसबुक के लिए प्लास्टिक पीटते देखकर और उधर टीवी पर् लोगो को लखपति और करोडपति बनता देखकर पत्नि का खून फूंकता रहें यह भी वाजिब बात नही है।

निवेदन: केबीसी के अतिरिक्त लखपति और करोडपति बनने के सुझाव आमंत्रित है

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