Monday, October 28, 2013

अपने बारे में...

मै आत्म-आलोचना का शिकार हूँ इसका यह अर्थ कदापि नही मेरे दोस्त ! कि मुझे खुद की कीमत नही पता है।
बोलता कम हूँ इसका यह अर्थ कदापि नही मेरे दोस्त ! कि तुम्हारें चोंचलों का नही पता है।
लिखता बेबाक हूँ इसका यह अर्थ कदापि नही मेरे दोस्त ! कि मुझे सही-गलत की समझ नही है।
खुद की ब्रांडिंग नही आती है इसका यह अर्थ कदापि नही मेरे दोस्त ! कि मुझे बेचने और बिकने की जगह का नही पता है।
मै खुद का भाष्याकार नही हूँ इसका यह अर्थ कदापि नही मेरे दोस्त ! कि सफलता-असफलता की परिभाषा नही पता है ।

मेरी बातें अहंकार की चासनी मे लिपटी न लगे इसलिए बार-बार दोस्त लिख रहा हूँ वरना दोस्ती के नाम पर तुम्हारे जैसे बजरबट्टु अपने जेब मे लिए घूमता हूँ।

(निठल्ला चिंतन- पार्ट-1)

No comments:

Post a Comment