Thursday, November 6, 2014

चाय

हम दोनों के बीच चाय नदी की तरह बहती थी जिसके किनारे बैठ घंटो बीत जाते थे।शाम की चाय अक्सर सुबह की चाय से ज्यादा जरूरी लगती मगर उसमें उदासी और थकावट की चीनी मिली होती थी सुबह की चाय पर तुम्हारा साथ बैठना शाम के साथ बैठने से इसलिए भी भिन्न था कि शाम तक मै तुम्हे खो देता था।
महज चाय ही नही हमारी चाय की प्यालियाँ भी आपस में गहरी दोस्त थी दोनों की एक ही कामना होती है वे एक बार बदली जाएं बस ताकि हमारे स्पर्शो की कैद से मुक्त हो नए स्पर्शो के बीच जी सके कुछ पल।
वैसे तो चाय देखकर भी तुम्हारी मनस्थिति का पता चल जाता था मगर जब से चाय में एक स्थिर स्वाद आने लगा तब मै समझ गया था कि क्या तो तुम तटस्थ हो या फिर स्थिर।
सर्दी की चाय और गर्मी की चाय को टिप टिप बारिश की चाय से हमेशा जलन होती थी क्योंकि तब हमारे लब और जबान प्यालों की हदों से बाहर निकलने लगते थे।
हम दोनों के बीच चाय का एक जीता जागता संसार था हमारी चाय कड़क जरुर थी मगर उसकी खुशबू में एक फ़िक्र भी शामिल रहती थी चाय के दो कप कभी नही चाहते थे कि उनके बीच  बिस्कुट भी आए ये जायके से ज्यादा हमारी जिन्दगी में दखल की जिद के जैसा था।
कभी कभी तो ये लगता कि बाहर की चाय के लिए हम दो चाय पीने वाले भर थे मगर घर की चाय के लिए अपनी अपनी मंजिल जहां वे रोज़ कभी चुप्पी तो कभी बतकही की गवाह बन खुद के जल जाने के गम को दूर करती थी।
चाय के जरिए जितना तुम्हें जान पाया उतना खत या किताब के जरिए भी नही जान पाया अक्सर तुम कप लबों पर लगाती और एक छोटी घूँट भरने के बाद कहती कि चाय पीते वक्त तुम्हारी आँखें महज आँखे नही रहती मन को पढ़ने वाली एक्स रे मशीन बन जाती है उस वक्त मै केवल मुस्कुरा भर देता क्योंकि तब तुम सच बोल रही होती दो चाय के अंतराल के बीच तुम्हारे इतने किस्से मेरे मन में होते कि मै लिख सकता था कहानी गजल कविता या फिर उपन्यास।
मेरे साथ शराब पीने वाले दोस्तों को ये शिकायत रहती कि मै शराब का जाम भी चाय की तरह पीता हूँ जबकि तुम्हारे साथ मै चाय को शराब की तरह पीना सीख पाया था!
तुम्हारे साथ पी गई चाय के नशे का हैंगऑवर मुझ पर ताउम्र रहेगा ये बात मै पूरे होशो हवास में लिख रहा हूँ।
आता हूँ किसी दिन चाय पीने तुम्हारे घर शर्त ये है चाय नंगे पैर बनानी पड़ेगी रसोई में इस सर्दी फिर से तुम्हें बेतक्कलुफ देखने की चाह है मन में जिसके लिए चाय से बढ़िया और कोई जरिया नही हो सकता है।

'चाय की चुस्की'

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