Monday, December 9, 2013

दोस्तों का सर्वे

दोस्तों से मुद्रा उधार मांगने के लिए कितनी लम्बी चौडी उधेडबुन और मानसिक भूमिका से गुजरना पडता है अब आप कहेंगे कि नही दोस्तो से कैसा संकोच नही भाई मै इससे सहमत नही हूँ दोस्त चाहे लंगोटिया किस्म का हो या फिर दूनियादारी दोनो से ही पैसा उधार मांगने के लिए उधार का साहस जुटाना पडता है और जब आप किसी से अपनी जरुरत कहे और सामने वाला जिज्ञासावश पूछ ही बैठे कि कहाँ जरुरत पड गई भाई ऐसे में अपनी जरुरत की उपयोगिता सिद्ध करने के लिए तमाम शब्द सामर्थ्य का प्रयोग करना पडता है ये तो अच्छी बात है कि ऐन वक्त पर दोस्त मदद भी कर देते है वरना आप अपनी कहानी कहे और सामने वाला हाथ खडा कर दे ऐसे मे फोन काटना कितना भारी हो जाता है ब्याँ नही किया जा सकता है। आदर्श स्थिति वही है कि आपका अपनी ही आमदनी से काम चलता रहा है कभी मांगने का कारोबार नही करना पडे लेकिन दूनियादारी में बिना लेन-देन के काम नही चलता है शायद आदम के इगो को घटाने और बढाने के लिए इससे बढिया रीति विकसित ही नही हो पायी है पैसा स्वामित्व भाव तो पैदा कर ही देता है सो याचको की टोली का मेरे जैसा नायक अक्सर यही सोचता रहता है कि मुद्रा की अवधारणा सहअस्तित्व और इंसानी जरुरतों के इर्द-गिर्द क्यों नही रह पाती है।
बहरहाल इस पोस्ट के बहाने के बेशर्म किस्म का सर्वे भी करने जा रहा हूँ फेसबुक पर जुडे मेरे सभी मित्र यह बताएं कि वें जरुरत पडने पर मेरी कितनी (धनराशि) की मदद कर सकते है वह भी बिना यह पूछे कि मुझे क्या जरुरत आन पडी है इस पोस्ट पर आयें कमेंट मेरी फेसबुकिया दोस्तों के बीच मेरी क्रेडिट लिमिट का भी निर्धारण करेंगी...हालांकि जो लोग मेरी गांव की पृष्टभूमि जानते है ( मसलन जमींदार का पुत्र वगैरह-वगैरह) उनके लिए यह पोस्ट एक सदमे से कम नही होगी लेकिन अपनी फितरत ही ऐसी है हमेशा जैसा फील करते है वैसा ही लिखते है और इमेज़ कॉनशिएस मै कभी रहा भी नही हूँ। सो आपका समय शुरु होता है अब......जरा बताएं कि आप अपनी गाढी मेहनत की कमाई में से अधिकतम कितनी सहयोग राशि मुझे बतौर उधार देने की हिम्मत रखते है जबकि आपको यह भी पता हो कि हाल फिलहाल कम से कम से दो साल पैसा वापिस आने की कोई सम्भावना नही है।
यह एक अपने किस्म का पहला और गंभीर फेसबुकिया प्रयोग है इसे न तो व्यंग्य समझा जाए और न ही एक चलताऊ किस्म की पोस्ट ना ही मेरी अभिलाषा छ्द्म लोकप्रियता हासिल करने की है सो एक हाथ अपने दिल पर रखे और एक अपनी जेब पर और फिर उसके बाद अंको में वह राशि बताएं जितने की मदद करने की हिम्मत आप 24X7 रखते हैं... और हाँ किंचित भी यह सोचकर घबराये नही कि मै आपके कमेंट के बाद आपके इनबॉक्स में आकर अपनी तुरंत डिमांड रख दूंगा क्योंकि फिलहाल मुझे ऐसी कोई जरुरत नही आन पडी है। मेरी जिज्ञासा खुद की फेसबुकिया हैसियत (क्रेडिट लिमिट के सन्दर्भ में) जानने की है सो अभी तक मेरी गालबजाई पर हौसला बढाने वाले दोस्तों अब आपकी बारी है कि एक रोचक,अजीब और बेशर्म किस्म के सर्वे पर भी अपनी वैसी ही बेबाक राय रखें जैसी अभी तक आप मेरी फेसबुकिया पोस्ट पर रखते आयें है....

डिसक्लेमर: इस पोस्ट का उद्देश्य किसी मित्र की आत्मीयता धन के सन्दर्भ में आंकना कदापि नही है और न ही मै दोस्तों को परखने में यकीन रखता हूँ आप सभी मेरे लिए जीवन की स्थाई पूंजी से भी बढकर है। यह केवल एक खाली दिमाग की उपज मात्र है।

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