Wednesday, February 26, 2014

चाहतों मे कंफ्यूजन का होना....




इंसान की फितरत में सीधी जिन्दगी जीने की चाह भी शामिल है कंफ्यूजन कोई नही चाहता है लेकिन वक्त और हालात आदमी को किस कदर कंफ्यूज्ड कर सकते है उसका भी ठीक-ठीक अन्दाजा लगा पाना बेहद मुश्किल काम है। कंफ्यूजन दरअसल एक खास किस्म की प्रतिभा से भी पैदा होता है और वह प्रतिभा है एक अस्तित्व में कई अस्तित्व की परत-दर-परत का जमा होना मनुष्य का जीवन खुद मे इतना बहुफलकीय किस्म का होता है उसमे किस्म-किस्म की संभावना सदैव बची रहती है। कंफ्यूजन की जड में गतिशीलता और चैतन्यता भी शामिल है मसलन जो व्यक्ति चैतन्य है वह संतुष्टि की लोक प्रचलित परिभाषा का सदैव ही अतिक्रमण करता पाया जाता है यहाँ तक लोक की भौतिक उपलब्धियां भी उसे एक खास सीमा तक ही तुष्ट कर पाती है। इसी वजह से मन में स्थिर प्रज्ञता के भाव भी जन्म नही ले पाते है व्यक्ति भौतिक चीजो की तरफ आकर्षित होता है उन्हे पाना चाहता है अपने पुरुषार्थ से उसे प्राप्त भी करता है लेकिन समानांतर उसके मन में असंतुष्टि की बेल उपलब्धियों की दीवार पर चढती रहती है फिर इसी बेल का मानसिक फल होता है कंफ्यूजन।
यदि जीवन में संतुष्टि का भाव पा लिया तो फिर तो आप आध्यात्म की भाषा सिद्ध या वीतरागी होने के श्रेणी में है असंतुष्टि का होना भर ही इस बात का प्रतीक है अभी आप मार्ग पर है मंजिल पर नही पहूंचे और शायद मंजिल जैसी कोई चीज़ होती भी नही है यदि आप किसी मंजिल पर रुक कर जडता को प्राप्त कर जाते है तो फिर वो मंजिल आपके लिए बाधा है इसलिए खुद की अपेक्षाओं, उपलब्धियों पर एक प्रश्नचिंह लगाकर आगे बढना एक ठीक मार्ग हो सकता है जहाँ आप मार्ग की यात्रा का आनंद ले सके जहाँ आपको कही पहूंचना न हो साथ ही कोई मंजिल आपको तुष्टि न दे  एक कंफ्यूज़न सदैव आपको बना रहा हालांकि यहाँ कंफ्यूज़न आपको गलत मार्ग या दिशा मे भी ले जा सकता है इसलिए सबसे पहले खुद के कंफ्यूजन को साधना पडेगा ताकि आप उसके मूल्य को ग्रहण कर सके आप उसकी उपस्थिति में दुविधा की बजाए नए विकल्पों पर विचार करते पाए जायें ऐसे में कंफ्यूजन का होना आपके लिए एक साध्य बन सकता है।
कंफ्यूजन आपको आत्ममुग्धता से बचा सकता है यह आपको प्रेरित कर सकता है अपने अस्तित्व के अमूर्त केन्द्रों को विकसित करने तथा उनका प्रयोग करने के लिए साथ ही कंफ्यूजन के फ्यूजन से आप आंतरिक अस्तित्व की ऊर्जा का मंथन कर चमत्कारिक विस्फोट कर सकते है अपने व्यक्तित्व को नई विमाएं प्रदान कर सकते है। सामान्यत: एक असामान्य और नकारात्मक पद प्रतीत होने वाला कंफ्यूजन आपके अन्दर सुषुप्त पडी असंख्य संभावनाओं की पौध तैयार कर सकता है जिसकी मदद से आप अपने सपनों की कलम अपने हिसाब से कैसी भी परिस्थिति में चढा सकते है और प्रकृति मनुष्य के इस पुरुषार्थ को देखकर कितनी आनंदित महसूस करेगी उसकी कल्पना आपको जीवन के नए अर्थ दे सकती है यदि आप चेतना और संवेदना सम्पन्न है तो अपने कंफ्यूज्ड होने पर मुस्कुरा जरुर सकते है ईश्वर को धन्यवाद दे सकते है कि आपको उसने बहुसंभावनाओं से युक्त समझा यह किसी दिव्य आशीर्वाद से कम नही है जैसे इस समय मै मुस्कुरा रहा हूं और ईश्वर को धन्यवाद ज्ञापित कर रहा हूं।

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