Saturday, April 4, 2015

नाई

नाई की दुकान धैर्य की परीक्षणशाला है अपनी बारी का इन्तजार करना सामाजिक समरसता का सबसे बड़ा उदाहरण है। भले नाई से डेढ़ दशक पुराना रिश्ता हो मगर वहां नम्बर आने पर ही उसकी कुर्सी पर बैठने की इजाजत मिलती है। जल्दी होने की बात पर और दुकान में घुसने से पहलें यह पूछना कितना टाइम लगेगा भैय्या? नाई को चिढ़ा देता है वो चाहता है आप चुपचाप आए और अपनी क्यू में बैठ पंजाब केसरी अखबार पढ़ना शुरू कर दें।नाई से ज्यादा सिद्धांतवादी कोई नजर नही आता है उसके लिए व्यवस्था सर्वोपरी है सम्बन्ध द्वितीय।
कंची की तुनकती आवाजें और टी वी पर चलता चित्रहार नाई की ऊर्जा के स्थाई स्रोत हैं। जिस गति से कंची चलती है वो नाई की निपुणता को भी बताती है बीच में वो कंघे की पीठ ठोकती है और कहती है थोडा रास्ता आसान करों कतर ब्योंत का।कंघा दो तरफा घिरा है मगर वो सहज है।
जमीन पर बूढ़े बच्चें अधेड़ युवाओं के बिखरे बाल आपस में एक दुसरे की उम्र पूछते है और उदास हो जाते है।
नाई का सबसे निर्मम हथियार उस्तरा है इतने अत्याचार तो पुरुषो की गाल पर उनकी पत्नि,प्रेमिका और माता-पिता ने भी नही किए होंगे जितनें जख्म ये उस्तरा दे जाता है गाल के निचले हिस्सें पर नाईयों द्वारा उस्तरे को उलटा खींचना भले ही एकबारगी गाल को रोमविहीन प्रतीत करवा देता हो मगर आफ्टर सेव लोशन की जलन साफ़ तौर पर त्वचा के साथ हुए जुल्म का इश्तेहार सुना कर उड़ जाती हैं। कटिंग सेविंग कलर मालिश यह पैकेज़ ग्राहक एक साथ लें यह नाई की आदि अभिलाषा होती है। जिस नाई ने हमारें बाल काटे होते है वो हमारे बच्चों के बाल काटते समय एक बेहद नैसर्गिक खुशी से भरे होतें है बच्चों को बेटा कहते समय उन्हें लगता है कि उनकी यात्रा बाप से बेटे तक आ पहूंची है। वो हमारे बच्चों में हमसे ज्यादा दिलचस्पी लेते है नाईयों का यह एक बेहद संवेदनशील पक्ष है।
मनुष्य के आदिम से सभ्य बननें की प्रक्रिया में मनुष्य एक नस्ल को नाई बनना पड़ा है अमूमन नाई हाजिरजवाब होतें है उनकी बतकही ग्राहकों को भले ही रूचिपूर्ण न लगें मगर सामाजिक चटखारें के तमाम विषय नाई के पास होतें हैं।
जब आप एक अंतराल के बाद नाई की दुकान पर पहूंचते तो वो ठीक दोस्तों की तरह पूछता है कहां थे इतने दिन बहुत दिन बाद चक्कर लगा कई दिन से सोच रहा था आप आए नही ये सवाल एक सांस में नाई पूछता है फिर इसके बाद दुसरा काम नाई का यह होता है कटिंग और सेविंग देखकर पूछना कि कहां कटवाए थे बाल फेस पर दानें हो रखें है कलम छोटी बड़ी छोड़ रखी है तब आप उसकी प्रशंसा में दो शब्द कहें और दुसरे नाई को कोसे बस नाई इतना ही सुनकर आपके उसके पक्के ग्राहक होने की पुष्टि कर लेता है।
सामाजिक जीवन में नाई हमारे जीवन से कुछ इस तरह से जुड़ा है कि आप हफ्ते दस में उससे मिलकर अपना कुछ बोझ हलका कर लेतें है और एक बार आपको लत लग जाए तो आप चाहकर भी अपना नाई और टेलर बदल नही पातें हैं और मेरे ख्याल से बदलना भी नही चाहिए।

चलिए मेरा नंबर आ गया है...शेष फिर !

'नाई की दुकान और मैं'

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