एक काम करो मेरे हिस्से की धूप को अपने दुपट्टे के एक कोने से बांध लो मेरी हिस्से की छाया में अपनी मुस्कान की धूप भेजो ताकि थोड़ी रोशनी हो सके। थोड़ी नमी उधार दो थोड़ी नमी उधार लो ताकि नमी एक जगह न बस सके।
यादों की पोटली में कपूर की एक डली रख दो और नाराज़ किस्सों को छुट्टी पर भेज दो अपनी अंगड़ाई से नदी का रास्ता बना दो हंसकर पहाड़ का थोड़ा दिल हलका कर दो।
झरनों को गूंथ लो हेयर पिन के साथ पंछियो को बैठा लो इयररिंग के पास। बुद्ध की तरह कर लो आँखें बंद और मुस्कुराओं मन्द मन्द। पलकों के छज्जे पर खेलने दो झूठे वायदों को आईस पाईस आँखों के समन्दर को करने दो हदों की आजमाईश।
तकिए को सुना डालो मन की सारी गहरी बातें बेड शीट से झाड़ दो शिकायतों की गर्द और ठीक करो उसकी सिलवटें मन की तरह।
बिंदी को टांक दो सितारों के साथ ताकि देख सके वो बेखबर रात।धरती पर रखो दोनों पैरो का बोझ स्लीपर एक साइड से क्यों घिसते जाते है इतना मत सोचो रोज़।
इतवार के दिन ये कुछ बिन मांगे मशविरे है जो भेजता हूँ तुम्हें ख्यालों की शक्ल में इस उम्मीद पर कि समन तामील होंगे और तुम्हारी हाजिरी लगेगी गैर हाजिरी के रजिस्टर में।
'इतवारी बात'
यादों की पोटली में कपूर की एक डली रख दो और नाराज़ किस्सों को छुट्टी पर भेज दो अपनी अंगड़ाई से नदी का रास्ता बना दो हंसकर पहाड़ का थोड़ा दिल हलका कर दो।
झरनों को गूंथ लो हेयर पिन के साथ पंछियो को बैठा लो इयररिंग के पास। बुद्ध की तरह कर लो आँखें बंद और मुस्कुराओं मन्द मन्द। पलकों के छज्जे पर खेलने दो झूठे वायदों को आईस पाईस आँखों के समन्दर को करने दो हदों की आजमाईश।
तकिए को सुना डालो मन की सारी गहरी बातें बेड शीट से झाड़ दो शिकायतों की गर्द और ठीक करो उसकी सिलवटें मन की तरह।
बिंदी को टांक दो सितारों के साथ ताकि देख सके वो बेखबर रात।धरती पर रखो दोनों पैरो का बोझ स्लीपर एक साइड से क्यों घिसते जाते है इतना मत सोचो रोज़।
इतवार के दिन ये कुछ बिन मांगे मशविरे है जो भेजता हूँ तुम्हें ख्यालों की शक्ल में इस उम्मीद पर कि समन तामील होंगे और तुम्हारी हाजिरी लगेगी गैर हाजिरी के रजिस्टर में।
'इतवारी बात'
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